रफ़्तार : 40 - 45 Kmph
कद : 55-60 inch
सिंधी घोड़ा सिंध, कच्छ और गुजरात के मूल निवासी घोड़े की नस्ल है।महाभारत के अनुसार, सिंधी घोड़ा, घोड़ों की सबसे अच्छी नस्लों में से एक है।सिंधी घोड़ा लंबी दूरी तय करने में बड़ी तेजी और सहनशक्ति के साथ प्रदर्शन करता है।सिंधी-काची घोड़े को भारत सरकार ने मान्यता दी है।
इसे राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) के वैज्ञानिकों द्वारा पंजीकृत किया गया था।सिंधी घोड़ा: ऊंचाई में 55 से 60 इंचरोमन नाक चेहरे की उपस्थितिकान सिरों पर मुड़े हुए हैं लेकिन एक दूसरे को स्पर्श नहीं कर रहे हैं ,सिंधी घोड़ा शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु में खुद को नीचे ले जाता है। इसमें गर्मी सहन करने की क्षमता भी होती है।यह 40-45 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ते समय समान गति बनाए रख सकता है और सवार को परेशान किए बिना एक आसान सवारी प्रदान करता है।कुछ सिंधी घोड़ा ऐसे भी हुए हैं जो 45 की भी रफ्तार पार कर देते हैं।
'रेगिस्तानी घोड़े' के नाम से प्रसिद्ध प्रजाति को अब पंजीकृत किया गया है। कच्छी-सिंधी घोड़े की किस्म को पहचान मिल गई है। इस नस्ल को 4 अगस्त को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की ब्रीड रजिस्ट्रेशन समिति ने रजिस्टर्ड किया है। हरियाणा के करनाल स्थित राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) के वैज्ञानिकों द्वारा इसे पंजीकृत कराया गया था।
भारत में भारत में आधिकारिक तौर पर मारवाड़ी, काठियावाड़ी,, स्पीति, भूटिया जंस्कारी, और मणिपुरी के घोडों की नस्ल को पहचान मिल चुकी है। अब इस लिस्ट में कच्छी-सिंधी घोड़ा भी शामिल हो गया है। कच्छी-सिंधी घोड़े की नस्ल को भारत में घोड़ों की सातवीं प्रजाति के रूप में पहचान मिली है। मीडियो रिपोर्ट के मुताबिक कच्छी-सिंधी घोड़े की खासियत ये है कि शुष्क और अर्द्धशुष्क मौसम में खुद को ढाल लेता है। साथ ही इस रेगिस्तानी घोड़े के भीत गर्मी को सहने की कुव्वत भी होती है
सिंधी घोड़ा की रफ्तार सबसे तेज होती है।यह सभी प्रकार के घोड़ों में की तुलना में चलने में सबसे बेहतर होता है।कुछ सिंधी घोड़े ऐसे भी हुए हैं जो 45 की भी रफ्तार पार कर देते हैं।सिंधी जितना वफादार और कोई घोड़ा नहीं होता है।सबसे ज्यादा वफादार माना जाता है। राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो ( NBAGR) के एक वैज्ञानिक ने जानकारी दी कि डीएनए रिपोर्ट और शारीरिक बनावट के आधार पर यह बात देखी गई है कि कच्छी-सिंधी घोड़ा मारवाड़ी और काठियावाड़ी के घोड़ों से बिल्कुल अलग है।वैज्ञानिक ने बताया, 'कच्छी-सिंधी ब्रीड रेगिस्तान का घोड़ा है। इसके अंदर रेगिस्तान में खुद को ढालने की क्षमता होती है। इसकी शारीरिक बनावट ऐसी है कि यह रेगिस्तान की गर्मी में खुद को जिंदा रख सकता है। इसकी नाक पर कवच होता है, जिससे इसकी सहनशक्ति बढ़ती है।
जैसे सिंधी घोड़ा इतना वफादार होता है, आप उससे घुड़सवारी कर रहे हैं य जा रहे हैं। कहीं अगर आप उससे नीचे गिर गए तो वहीं पर रुक जाएगा। एक भी पैर आगे बढ़ाएगा ना पीछे यह भी इसकी वफादारी की सबसे बड़ी निशानी है।और इसकी यह भी बहुत बड़ी वफादारी की निशानी है कि आप जिस रास्ते से जा रहे होंगे अगर आपके आगे रास्ते में कोई इंसान आप को नुकसान पहुंचाना चाह रहा है तो यह उस रास्ते पर आगे कदम नहीं बढ़ाएगा। यह दूसरे रास्ते से ले जाएगा। यह भी इसकी बहुत बड़ी वफादारी की निशानी है। इससे आप बहुत सुरक्षित रहते हैं। यह आपके लिए बहुत बड़ा फायदा है ।सिंधी घोड़ा बहुत सीधा होता है। और इसके आसपास अगर बच्चे भी खेलते हैं तो यह लात वगैरह नहीं मारता है।सिंधी घोड़ा बहुत वफादार होता है इसलिए इसे ट्रेंड करना काफी आसान होता है।
घोड़े को सबसे ज्यादा तर लोग मूंगफली का भूसा खिलाते हैं क्योंकि यह काफी सस्ता पड़ता है। इसे नीरा भी बोलते हैं ।चना भी घोड़ों का मेन फीड माना जाता है और यह खिलाना उनके लिए बहुत बेहतर होता है जिससे वह काफी मजबूत होते हैं।घोड़ों को सुबह उठकर पानी पिलाना चाहिए। उसके बाद बाजरा इन्हें 1 से 2 किलो के बीच देना चाहिए। उसको थोड़ा दरदरा कर ले और थोड़ा पानी मिला ले, उसको खिला दें। यह भी उसके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जिससे शरीर में गर्मी बनी रहती है।
घोड़े को चना खिलाने का यह भी फायदा है कि चना खाने के बाद घोड़ा पानी बहुत पीता है। इससे उसके शरीर में पानी की पूर्ति रहती है। इसलिए वह और मजबूत रहता है।और बाजरे के साथ सुबह और शाम में 100 से 200 ग्राम घी भी मिलाकर उसे देना चाहिए जिससे घोड़ा मजबूत होता है और वह अच्छी रेस चलता है।घोड़े को दूध भी सुबह शाम देना चाहिए। घोड़े को कुछ लोग चोकर और गेहूं का भूसा भी देते हैं, लेकिन यह इतना बेहतर नहीं है, लेकिन यह है कि सस्ता रहता है तो लोग इसे भी खिलाते हैं।कुछ लोग सिंधी घोड़े की डाइट में सूखा, अल्फा और ज्वार की कुट्टी भी शामिल करते हैं। यह भी बेहतर फीड है घोड़ों के लिए।
हम लोग सिंधी घोड़ों को अच्छे से तैयार करते हैं क्योंकि यह बहुत तेज भागता है। इसलिए इसको खिलाकर पिलाकर ट्रेंड करते हैं और बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और अच्छे से अच्छी कमाई करते हैं।
घोड़ों से पैसे कमाने के जैसे विजिटिंग वाली जगहों पर लोगों को सवारी करवाना और आप शादियों में दूल्हे को बिठाकर पैसे कमाना ।और भी बहुत सारे साधन है पैसे कमाने का घोड़ों से।
Breed | Sindhi horse |
Speed | 40-45Kmph |
Height | 55-60 Inch |
Colour | Brown ,White, Black |
Bhot acha likha hai