देश में एक बड़ी आबादी पशुपालन से जुड़ी हुई है। ऐसे में एक नई बीमारी लम्पी स्किन डिजीज ने पशुपालकों को परेशान कर रखा है। इस बीमारी को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल है। देश में लंपी वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। कई राज्यों में लंपी वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश-राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश तक ये वाये वायरस तेजी से फैल रहा है।
देश के 12 राज्यों में इन दिनों लंपी वायरस नामक बीमारी पशुओं को निगल रही है। खासकर, राजस्थान में इसका कहर टूट रहा है। सबसे ज्यादा खराब हालत राजस्थान की है। राजस्थान में अब तक लंपी वायरस से 45 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। जबकि, 10 लाख से ज्यादा इस वायरस की चपेट में आ चुकीं है। राजस्थान के रेगिस्तान कब्रिस्तान बनते जा रहे है। हजारों की संख्या में गायों को दफनाया जा रहा है।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत देश के अन्य राज्यों में मवेशी को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए जा रहे है। केंद्र से राज्यों की सरकारें वायरस की रोकथाम के लिए प्रयास कर रही है। दिल्ली सरकार भी इसे लेकर अलर्ट मोड पर आ गई है। केंद्र सरकार ने कहा है कि लंपी वायरस से निपटने के लिए सभी 12 राज्यों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। आखिर क्या है लंपी वायरस, जिसने राजस्थान से लेकर अन्य राज्यों तक तबाही मचाई है। लंपी वायरस से संक्रमित होने पर शरीर पर दाने निकल आते है।बुखार आता है। इस वायरस का इलाज है। लेकिन कई मामलों में स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि मौत हो जाती है।
लम्पी वायरस पशुओं में तेजी से फैल रहा है। जिनमें से दुधारू यानी दूध देने वाले पशुओं की संख्या ज्यादा है। इस बीमारी को 'गांठदार त्वचा रोग वायरस' LSDV कहा जाता है। इसकी तीन प्रजातियां पहली कैप्रिपॉक्स, दूसरी गोटपॉक्स (Goatpox) और तीसरी शीपपॉक्स (SheepPox) हैं।
मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि लम्पी वायरस काफी तेजी से फैलने वाला वायरस है। यह मच्छर, मक्खी, जूं द्वारा खून चूसने पर फैल सकता है। अभी तक यह एक दूषित गाय के दूसरी गाय के संपर्क में आने से फैल रहा है। इसके अलावा दूषित पानी और दूषित भोजन से भी फैल सकता है। यह वायरस काफी तेजी से फैलता है। चूंकि बड़ी संख्या में दुधारू पशुओं में इसकी पुष्टि हो रही है तो ऐसे में इंसानों को भी यह डर बना हुआ है। कि कहीं यह वायरस उनमें भी न फैल जाए. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि मनुष्यों को इससे कोई खतरा नहीं है।
ये बीमारी सबसे पहले 1929 में अफ्रीका में पाई गई थी. पिछले कुछ सालों में ये बीमारी कई देशों के पशुओं में फैली।. साल 2015 में तुर्की और ग्रीस और 2016 में रूस में फैली. जुलाई 2019 में इस वायरस का कहर बांग्लादेश में देखा गया. अब ये कई एशियाई देशों में फैल रहा है. भारत में ये बीमारी 2019 में पश्चिम बंगाल में देखी गई थी.
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के मुताबिक, लंपी वायरस साल 2019 से अब तक सात एशियाई देशों में फैल चुकी है. साल 2019 में भारत के अलावा चीन, जून 2020 में नेपाल, जुलाई 2020 में ताइवान और भूटान, अक्टूबर 2020 में वियतनाम और नंवबर 2020 में हांगकांग में ये बीमारी पहली बार सामने आई थी.