Horse

What are common health problems in horses?

Allergies: Allergies to dust and insect bites are fairly common horse health problems, but the severity of the allergy varies. Colic Laminitis Thrush Mud Fever Worms Sweet Itch Back Problems

Diseases associated with horses

Diseases associated with horses Salmonellosis. Ringworm. Anthrax. Brucellosis. Cryptosporidiosis. Eastern Equine Encephalitis (EEE) St. Louis Encephalitis (SLE) Tickborne diseases.

Why do horses get sick?

Horses often catch colds if they are competing at shows, due to the close proximity of other horses from different areas of the country. It is important to call the veterinary surgeon immediately and keep the horse isolated as the virus can spread to other horses.

ग्लैंडर्स रोग क्या है

ग्लैंडर्स घोड़ों की प्रजातियों में एक जानलेवा संक्रामक रोग है। इसमें घोड़े की नाक से खून बहना, सांस लेने में तकलीफ, शरीर का सूख जाना, पूरे शरीर पर फोड़े या गाठें आदि लक्षण हैं। यह बीमारी दूसरे पालतू पशु में भी पहुंच सकती है। दरअसल यह बीमारी बरखोडेरिया मैलियाई नामक जीवाणु से फैलती है। पशुओं में फैल रहा ग्‍लैंडर्स रोग अब खतरा बन गया हैै। यह रोग तेजी से फैल रहा है और उत्‍तर प्रदेश से खतरा ज्‍यादा बढ रहा है। इस रोग से इंसानों के लिए संकट पैदा हाे सकता है।

घोड़ा प्रजाति के लिए जानलेवा है ग्लैण्डर्स व फार्सी रोग

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया है कि ग्लैण्डर्स एवं फार्सी, घोड़ों, गधों व खच्चरों में होने वाली संक्रामक बीमारी है, जो लाइलाज है। यह बीमारी मनुष्यों में भी हो सकती है। इस बीमारी से मौत भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि ग्लैण्डर्स और फार्सी बीमारी जीवाणुजनित है, जो खतरनाक व जानलेवा है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी, बीमार पशु के साथ रहने, बीमार पशु के मुंह व नाक से निकलने वाली स्राव और बीमार पशु व अन्य पशुओं के चारा पानी साथ-साथ खाने से फैलती है। बीमारी के प्रमुख लक्षण घोड़ों के त्वचा में फोड़े, नाक के अन्दर फटे हुए छाले दिखना, तेज बुखार होना, नाक से पीला स्राव आना और सांस लेने में तकलीफ और खांसी आना है। विकास भवन सभागार में बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी रामचन्द्र की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें भगवानपुर के पशु चिकित्साधिकारी डा़ नागेन्द्र गुप्ता की ओर से प्रोजेक्टर के माध्यम से बीमारी के बारे में उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों, पशु चिकित्साधिकारियों, पशुधन प्रसार अधिकारियों, पैरावेटों और ब्रुक्स इण्डिया के प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई। सीडीओ ने बीमारी की गम्भीरता को देखते हुए सभी विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि इस बीमारी में कोई भी लापरवाही न बरती जाए। जरवल ब्लाक को बीमारी का केन्द्र मानते हुए कहा गया कि वहां के सभी अश्वों के रक्त नमूने परीक्षण के लिए लैब भेजे जाएं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बलवंत सिंह की ओर से